Teldiha mandir history in hindi: एक भव्य माता का मंदिर जो की पूरे बिहार में शक्तिपीठ के रूप में विख्यात है। लोग यहां दूर दूर से यहां तक की भारत के अलग अलग राज्य से माता के दर्शन के लिए पहुंचते है। लोगों का मानना है की जो मां तेलडीहा के पास अपनी इक्षा लेके आते है माता उनको खाली हाथ नहीं भेजती है। मां कृष्ण काली भगवती तेलडीहा को शक्तिपीठ के रूप में जाना जाता है।
मां तेलडीहा के मंदिर में नवरात्रि और वसंत नवरात्र के शुभ अवसर पर श्रद्धालु की भीड़ उमड़ पड़ती है विभिन्न जगह और राज्यों के लोग माता का दर्शन करने पहुंचते है। यह मंदिर बिहार के बांका जिले में स्थित है। यहां नवरात्रि के अष्टमी और नवमी को यहां के मेढ़पित द्वारा भव्य पूजन का आयोजन किया जाता है। लांखो की संख्या में श्रद्धालु इस पूजा को देखने के लिए है है।
Teldiha Mandir History in hindi?
मां तेलडीहा मंदिर की स्थापना बंगाल के निवासी हरिबल्लभ दास जी के द्वारा वर्ष 1603 में बिहार के बांका जिला में स्थित छत्रहार पंचायत के तेलडीहा नामक समसान पर हुई थी। लेकिन माता का ये मंदिर अब पूरे भारतवर्ष में प्रचलित है। अब इस छत्रहार के तेलडीहा गांव का हमेशा उत्सव का माहोल बना रहता है और मंदिर को भक्तो की श्रद्धा से भव्य मंदिर का रूप दे दिया गया है।
कौन का पंडित(मेढ़पति)?
मां तेलडीहा की पूजा अर्चना का भार आज भी इस मंदिर के संस्थापक हरिबल्लभ दास जी के वसंज द्वारा ही किया जाता है।जिसमे से एक अनिरुधचंद्र दास मेढ़पति है।
कैसा है मां तेलडीहा का मंदिर?
मंदिर के अंदर आज भी कच्ची पिंडी विराजमान है परंतु समय के साथ समय के साथ साथ बढ़ने वाले श्रद्धालुओं की सहायता से भक्तों ने विकास किया और मंदिर को पूरी तरह से पक्की कर एक आकर्षक रूप से बनाया गया। जिसके कारण धीरे धीरे माता तेलडीहा के दर्शन के भक्तो की बढ़ती ही जा रही है।
कैसा है आस पास की जगह?
(Maa teldiha Tarapur Bihar)
मां तेलडीहा का भव्य मंदिर मुंगेर और बांका जिला के बीच बहने वाली बड़ुआ नदी के किनारे स्थित है जिसके कारण मां के मंदिर की सुंदरता पर चार चांद लगा देता है।यहां आप मंदिर के पास ढेर सारे मिठाइयों की दुकान और पूजा के समान वाले दुकान देखने को मिलेंगे साथ में आपको वहां के निवासी के घर देखने को मिलेंगे। समय के साथ साथ मां के कृपा से गांव में वृद्धि होती जा रही है।
पूजा करने के शुभ दिन(Maa Teldiha)
यहां मंगलवार और शनिवार के दिन भक्तों की भीड़ बहुत होती दूर दूर से लोग इस दिन माता के दर्शन के लिए आते है।लेकिन शुभ दिन की बात की जाए तो माता के दर्शन से सभी के दिन शुभ हो जाते है।
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