History of Rangaon Temple Tarapur: छोटी देवघर के रूप में विख्यात है रत्नेश्वरनाथ मंदिर

History of Rangaon Temple Tarapur: बिहार के मुंगेर जिले में स्थित भोले बाबा का यह मंदिर छोटी देवघर के रूप में विख्यात है लेकिन इस मंदिर के बारे में ज्यादा लोगो को जानकारी नहीं है आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से बिहार के मुंगेर जिले में तारापुर प्रखंड के रणगांव में स्थित रत्नेश्वर नाथ महादेव मंदिर के इतिहास के बारे में विस्तारपूर्वक बताएंगे।

इस मंदिर को रत्नेश्वरनाथ मंदिर के रूप में जाना जाता है जो छोटी देवघर के रूप में विख्यात है लोगो का यह मानना है की की देवघर से भी पुराना है। जिस पत्थर से देवघर बाबाधाम का निर्माण हुआ है यहां भी उसी पत्थर के अवशेष मौजूद है। बाबा का यह मंदिर की कुछ ऐसे खास बाते है जिन्हे जानकर आप चौक जायेंगे।

रत्नेश्वरनाथ मंदिर रणगांव जाने का रास्ता

अगर आपको भी शिव जी के इस रूप का दर्शन करना है तो आपको बिहार के मुंगेर जिले में स्थित रणगांव नामक गांव में आना होगा। सबसे पहले आपको यहां के नजदीकी रेलवे स्टेशन सुलतानगंज आ जाएं जोकि बिहार के भागलपुर जिले में स्थित है फिर आज सुलतानगंज से तारापुर के लिए वाहन ले लेकिन आपको तारापुर से तीन किलोमीटर पहले उतरना होगा जिस जगह का नाम है रणगांव जहां के मैन रोड से कुछ दूरी पर आपको छोटी देवघर के रूप में विख्यात मंदिर रत्नेश्वरनाथ बाबा का दर्शन होगा।

History of rangaon temple tarapur bihar

History of Rangaon Temple Tarapur(Munger)

कहा जाता है यह मंदिर 1600 वर्ष पुराना है जिसका निर्माण स्वयं विश्वकर्मा भगवान ने करवाया था साथ ही कुछ लोगों का यह मानना है 1600 वर्ष पूर्व एक किसान यहां खेती कर रहा था तभी हल चलाने के दौरान किसान की हल यहां किसी वस्तु से टकराई जब किसान पुनः आकर इस जगह देखा था यहां किसी वस्तु से रक्त बह रहा था। उसने आसपास के गांव के लोगो को बुलाया और जब खुदाई कराई तो भगवान शिव का शिला सामने आया।

आज भी गांव के बढ़ई जाती के पंडित मंदिर की सेवा करते है।इस तरह की कई रहस्यमई कहानियों से घिरा हुआ है यह रत्नेश्वरनाथ का भव्य मंदिर आज भी शिवलिंग पर हल से टकराने का निशान मौजूद है।

History of rangaon temple tarapur bihar

क्या है रणगांव मंदिर के शिवगंगा का राज?

मंदिर के पास में स्थित शिवगंगा है जिसकी एक रहस्यमई बात यह को की इसका पानी कभी भी नही सूखता और यहां पानी आने का जरिया भी नही है आज लोग यह पता नहीं लगा पाएं की शिवगंगा के कहां से जल का निर्माण होता है और न ही कभी यहां का जल खत्म होता है।

Rangaon Tarapur Shivganga

महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है आस पास के सभी लोग भोले बाबा के दर्शन के लिए मुंगेर जिले के तारापुर प्रखंड में स्थित रनगांव मंदिर के दर्शन के लिए पहुंच जाते है।

कैसा दिखता है रणगांव रत्नेश्वरनाथ मंदिर का शिवलिंग

देवघर के बाबा धाम के जैसा जैसा ही दिखने में लगता है रत्नेश्वर नाथ रणगांव मंदिर का शिवलिंग इसलिए इस मंदिर को छोटी देवघर के रूप में जाना जाता है।खास बात यह है की सुलतानगंज से देवघर जाने वाले रास्ते के बीच में बाबा के इस मंदिर न निर्माण हुआ है 1600 वर्ष पुराना रत्नेश्वर नाथ मंदिर के आज भी कई रहस्य छिपे हुए है।पहले सावन में कावरियां जो देवघर बाबा को जल चढ़ाने जाते है वो पहले रत्सनेश्वर नाथ मंदिर में जल चढ़ा के देवघर पहुंचते थे। यह मंदिर दिखने में हुबहू बाबा धाम देवघर के जैसे प्रतीत होता है मानो को देवघर का दूसरा रूप यहां स्थित है।

हमने पीछे आर्टिकल में महेंद्रनाथ मंदिर जो की बिहार के सिवान में स्थित है उसकी कहानी विस्तारपूर्वक व्याख्या की हैं कृपया जरूर पढ़े। यह थी History of Rangaon Temple Tarapur आशा करता हूं सही जानकारी आपके पास पहुंची होंगी।

Leave a Comment